my attempt to write a musical short story
यौन ही चली थी रास्ता नया था
समझी नयी मैं
काफिला नया था
रस्ते में एक मुसाफिर नया था
आँखों में उस के मेरा नाम लिखा था
बाँहों में ले कर कहने लगा वोह
तुम एक पारी हो मेरे लिए बनी हो
उस की साँसों की महक में खो गयी मैं
मेरी आँखों की नमी हवा हो गयी एक पल में
उड़ने लगी मैं एक पतंग बन गयी मैं
उस की बाँहों में गुहल कर खो गयी मैं
कुछ पल के लिए पारी बन गयी मैं
बिजली जो कोंढ़ी थर्थार्हत हुई जो
मेरी पाजेब की रन झुन खो गयी एक पल में
मेरी होंठों की मुस्कराहट रोंद गयी एक पल में
न कोई मुसाफिर न काफिला था
रास्ता मेरा काँटों भरा था
हर तरफ धुआं धुआं था
चल पड़ी मैं अकेले
खो गयी मैं धुंए में
मेरी आँखों की नमी लोट आये एक पल में
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