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Friday, 20 December 2013

तुम

Once again few lines in hindi 




मेरे जीवन की हर कड़ी हो तुम 
मेरे मुस्कुराने की वजह भी तुम
मेरी तकदीर में लिखे संगीतकार होने की वजेह
हो तुम
कैसे कहूँ मेरी ज़ुबान हो तुम
मेरे गीत  भी तुम
मेरे संगीत की जान हो तुम
आ रंग दे मुझे
इस से पहले गुमशुदा हों हम
खो जाय मेरा वजूद 
मिट जाए मेरा नामो निशान
हवा में हो जाए गुम
सुन ले मेरे कदमो की आहट
मेरी पायल की रुन झुन
वक़्त की रफ़्तार के आगे किस का चला है दम
फिसल जाता है हाथ की उंगलिओन से जैसे
बारिश की बूंदे
मगर एहसास होता है सन्नाटे की आवाज़ से 
जब सुनाई नहीं देती रिम झिम
ले चल ऐसी जगह जहाँ मेरे सिवा बस हो तुम
मेरे दिल का नगमा  सुन सको 
और कुछ ना सुन सको  तुम
फिर से कहा जो तुमने
किसी और की आहट से परेशान हो तुम
चल दू गी मैं मुस्कुरा करबस इतना  कह कर
मेरे मुक़ुद्दर में नही हो शायद तुम
मगर बन जाओ गे ना सिर्फ़
काग़ज़ के कोरे पन्ने होने की वजह बस   तुम 
मेरे बेज़ुबान होने की वजह  भी  तुम 



1 comment:

  1. Your expressions have made me "बेज़ुबान".

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